* विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आज हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यशाला व व्याख्यान आयोजित
प्रस्तुति- डॉ साकेत सहाय :
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर।‘‘हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसके प्रचार-प्रसार के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। यह बेहद हर्ष का विषय है कि आज विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के राजभाषा अनुभाग की ओर से विश्वविद्यालय समुदाय व नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, महेंद्रगढ़ के सदस्यों के लिए कार्यालय प्रयोग में आने वाली हिन्दी के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। मुझे उम्मीद है कि इस आयोजन से न सिर्फ विश्वविद्यालय के शिक्षक व कर्मचारी लाभान्वित होंगे बल्कि विद्यार्थियों को भी हिंदी के प्रयोग के लिए प्रेरित करेंगे।‘‘ ये विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यशाला व व्याख्यान में उपस्थित शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
विश्वविद्यालय की शिक्षा पीठ के सम्मेलन कक्ष में आयोजित व्याख्यान व कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कुलपति ने हिंदी का महत्त्व समझाते हुए सभी को इसके प्रचार-प्रसार में योगदान हेतु प्रेरित किया। कुलपति ने कहा कि तकनीक के मोर्चे पर हिंदी व अन्य भारतीय भाषाएं अब बेहद सहज हो गई हैं। हम और आप अब बेहद आसानी से इसका प्रयोग कर सकते हैं। यूनिकोड व इनस्क्रिप्ट का जिक्र करते हुए कुलपति ने बताया कि किस तरह से हिंदी अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. साकेत सहाय, वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा), ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, मण्डल कार्यालय, गुरूग्राम ने विश्वविद्यालय के कुलपति की मौजूदगी में सभी उपस्थित संकाय अधिष्ठाताओं, अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों व नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्यों को हिंदी को अपनाने और इसका मन, कर्म, वचन से प्रयोग करने की शपथ दिलाई। डॉ. सहाय ने अपने व्याख्यान में कार्यालयी हिंदी और राजभाषा अधिनियम के प्रावधानों से अवगत कराया और बताया कि किस तरह से हम राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में बेहतर ढ़ंग से काम कर सकते हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि व स्वामी दयानन्द सरस्वती पीठ के पीठाचार्य प्रो. रणवीर सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि किसी भी देश की पहचान उसकी भाषा से होती है और इसलिए जरूरी हो जाता है कि हम अपनी मातृभाषा के प्रचार-प्रसार में बढ़-चढ़कर योगदान दें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ के नेतृत्व में विश्वविद्यालय का राजभाषा अनुभाग व नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, महेंद्रगढ़ इस दिशा में बेहतर प्रदर्शन की ओर अग्रसर हैं। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. बीर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और माननीय कुलपति का आभार व्यक्त करते हुए सभी उपस्थित प्रतिभागियों को हिंदी के प्रयोग को अपने आचरण में आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी उपस्थित रहे और उन्होंने हिंदी में नोटिंग, ड्राफ्टिंग का प्रशिक्षण भी शिक्षा पीठ की कम्प्यूटर प्रयोगशाला में प्राप्त किया।
प्रस्तुति- डॉ साकेत सहाय :
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर।‘‘हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसके प्रचार-प्रसार के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। यह बेहद हर्ष का विषय है कि आज विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के राजभाषा अनुभाग की ओर से विश्वविद्यालय समुदाय व नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, महेंद्रगढ़ के सदस्यों के लिए कार्यालय प्रयोग में आने वाली हिन्दी के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। मुझे उम्मीद है कि इस आयोजन से न सिर्फ विश्वविद्यालय के शिक्षक व कर्मचारी लाभान्वित होंगे बल्कि विद्यार्थियों को भी हिंदी के प्रयोग के लिए प्रेरित करेंगे।‘‘ ये विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यशाला व व्याख्यान में उपस्थित शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
विश्वविद्यालय की शिक्षा पीठ के सम्मेलन कक्ष में आयोजित व्याख्यान व कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कुलपति ने हिंदी का महत्त्व समझाते हुए सभी को इसके प्रचार-प्रसार में योगदान हेतु प्रेरित किया। कुलपति ने कहा कि तकनीक के मोर्चे पर हिंदी व अन्य भारतीय भाषाएं अब बेहद सहज हो गई हैं। हम और आप अब बेहद आसानी से इसका प्रयोग कर सकते हैं। यूनिकोड व इनस्क्रिप्ट का जिक्र करते हुए कुलपति ने बताया कि किस तरह से हिंदी अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. साकेत सहाय, वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा), ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, मण्डल कार्यालय, गुरूग्राम ने विश्वविद्यालय के कुलपति की मौजूदगी में सभी उपस्थित संकाय अधिष्ठाताओं, अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों व नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्यों को हिंदी को अपनाने और इसका मन, कर्म, वचन से प्रयोग करने की शपथ दिलाई। डॉ. सहाय ने अपने व्याख्यान में कार्यालयी हिंदी और राजभाषा अधिनियम के प्रावधानों से अवगत कराया और बताया कि किस तरह से हम राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में बेहतर ढ़ंग से काम कर सकते हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि व स्वामी दयानन्द सरस्वती पीठ के पीठाचार्य प्रो. रणवीर सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि किसी भी देश की पहचान उसकी भाषा से होती है और इसलिए जरूरी हो जाता है कि हम अपनी मातृभाषा के प्रचार-प्रसार में बढ़-चढ़कर योगदान दें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ के नेतृत्व में विश्वविद्यालय का राजभाषा अनुभाग व नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, महेंद्रगढ़ इस दिशा में बेहतर प्रदर्शन की ओर अग्रसर हैं। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. बीर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और माननीय कुलपति का आभार व्यक्त करते हुए सभी उपस्थित प्रतिभागियों को हिंदी के प्रयोग को अपने आचरण में आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी उपस्थित रहे और उन्होंने हिंदी में नोटिंग, ड्राफ्टिंग का प्रशिक्षण भी शिक्षा पीठ की कम्प्यूटर प्रयोगशाला में प्राप्त किया।
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