देवरिया। वसन्त पंचमी गुरुवार को सभा में ओज,पीड़ा,नव शिल्प और नव जागरण के कवि महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जयंती का आयोजन किया गया।मुख्य वक्ता जय प्रकाश वि.वि. छपरा(बिहार)के हिन्दी विभाग के आचार्य डा. सिद्धार्थ सिद्धार्थ शंकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि निरालाजी जनता की पीड़ा और भाषा की महत्ता के लिये किसी से भी टकराने का साहस रखते थे।उन्हें किसी दायरे में सीमित नहीं किया जा सकता,वे विराट चेतना के कवि हैं।
मुख्य अतिथि देवरिया सदर के विधायक श्री जनमेजय सिंह ने सभा भवन के जीर्णोद्धार के लिये अपने निधि से पाँच लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की।समारोह का शुभारंभ वीणा पाणि देवी सरस्वती और निराला जी के चित्र के दीप धूप पुष्प से पूजन अर्चन,मंगलाचरण सभाध्यक्षआचार्य परमेश्वर जोशी और डा. मधुसूदन मणि त्रिपाठी के वाणी वन्दना से हुआ।
स्वागत गीत वरिष्ठ कवि धर्मदेव सिंह आतुर और स्वागत उद्बोधन सभा के मन्त्री इन्द्र कुमार दीक्षित ने किया।सर्वप्रथम समारोह के संयोजक डा.सौरभ श्रीवास्तव के साथ सभा के पदाधिकारियों और कार्यसमिति के सदस्यों ने माला प्रतीक सम्मान चिह्न उत्तरीय और लेखनी दैनन्दिनी प्रदान करके मंचस्थ अतिथि विधायक और डा. सिद्धार्थ शंकर जी का सम्मान किया।
अतिथिगण,संयोजक और सभा के अध्यक्ष मन्त्री द्वारा वाणी पुत्रों सर्व श्री धर्मदेव सिंह आतुर,दयाशंकर कुशवाहा,उमाशंकर द्विवेदी,भीम प्रसाद प्रजापति, सरोज कुमार पान्डे, छेदी प्रसाद गुप्त विवश,सूर्य जी,शैलेशजी,भीम प्रजापति,नित्या नंद,सौदागर सिंह,रमेश तिवारी,जगन्नाथ बाबू, फ़िगार देवरियावी कुमार सनत,बाबूराम सिंह,योगेन्द्र योगी,शिवाजी शाही बिशेन,गोपाल जी त्रिपाठी,बृजेन्द्र मिश्र,बद्री प्रसाद वर्मा अनजान,दिवाकर तिवारी,चिराग सलेमपूरी,भालेंद्र त्रिपाठी,पुष्कर त्रिपाठी,अमरेन्द्र विश्वकर्मामंच संचालक रविकांत मणि,मुक्त विचारधारा के संपादक चक्रपाणि ओझा,आचार्य शारदा मणि,राणा प्रताप सिंह ,छायाकार घनश्याम,और विज्ञान संचारक अनिल कुमार त्रिपाठी को उत्तरीय,माला स्मृति चिन्ह और कलम डायरी से सम्मानित किया गया।
इस समारोह के साक्षी बने देवरिया नगर के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी,महाविद्यालयों के आचार्य गण और बड़ी संख्या में पधारे प्रबुद्ध साहित्य प्रेमी श्रोता गण।आभार संयोजक डा. सौरभ श्री. ने किया।