पतहर
जनवरी-जून(संयुक्तांक)2018,वर्षांक 3-1
‘‘हिन्दी ग़ज़ल केन्द्रित अंक‘‘
पतहर साहित्य एवं शोध की प्रमुख हिन्दी तिमाही पत्रिका है,जिसका प्रकाशन देवरिया जनपद (गोरखपुर मण्डल)से हो रहा है।पत्रिका ने अपने प्रकाशन के अल्प समय में साहित्य जगत में व्यापक हस्तक्षेप किया है। पतहर अपने प्रमुख कहानी अंक,मुक्तिबोध केन्द्रित अंक,भोजपुरी अंक आदि के माध्यम से साहित्य के पाठको के बीच अपनी खास पहचान स्थापित की है। पाठको के इसी विश्वास और लगाव को देखते हुए पतहर का ताजा अंक जनवरी-जून(संयुक्तांक)2018,वर्षांक 3-1 ‘‘हिन्दी ग़ज़ल केन्द्रित अंक‘‘के रुप में प्रकाशित किया गया है। चूॅकि ग़ज़ल आम जनमानस में ज्यादे लिखी-पढ़ी-सुनी जाने वाली कोमल विधा है, ऐसे में साहित्य के पाठक इसे अवश्य स्वीकार करेगें। हिन्दी ग़ज़ल की जनपक्षधरता पर पतहर के इस बहुप्रतीक्षित हिन्दी ग़ज़ल केन्द्रित अंक में आप रणजीत सिन्हा,शिप्रा श्रीवास्तव सहित अनेक विद्वानों के आलेख पढ़ने को पाएगें वहीं वरिष्ठ ग़ज़लगो रामकुमार कृषक,हरेराम समीप,डाॅ डी0यम0मिश्र,बल्ली सिंह चीमा,डाॅ भावना सहित दर्जनों ग़ज़लगारों की जनपक्षधर ग़ज़लों को पढ़ेगें।पत्रिका के स्थायी स्तम्भ कविता के अन्तर्गत डाॅ चन्द्रेश्वर ,संदीप कुमार सिंह,अमित कुमार,अभिषेक व अन्य की कविता व हेमंत उपाध्याय का व्यंग्य साथ में कहानी के अन्तर्गत रजनी शर्मा,मनोज कुमार की कहाॅनियां इस अंक को प्रमुख बनाने में खास भूमिका में हैं।पतहर के इस अंक से बाल कंेन्द्रित व पत्रिका चर्चा स्तम्भ प्रारम्भ किया गया है जिसमें रतन चंद व प्रमोद सोनवानी की बाल कविताएं शामिल है वहीं चक्रपाणि ओझा की लिखी पत्रिका समीक्षा प्रकाशित है।साथ ही पत्रिका में अन्य स्तम्भों के अन्तर्गत प्रकाशित सामग्रियां भी आपको पसंद आयेगीं।पतहर उन सभी जनपक्षधर रचनाओं व रचनाकारों का सम्मान करती है जो सीधे तौर पर आम जन से जुड़ती है।पतहर विक्रय केन्द्रो व सीधे डाक से प्राप्त कर सकते है।सदस्यता व सहयोग राशि पतहर के सिंडिकेट बैंक के खाता संख्या 987422000701 आई.एफ.यस.सी.-एस.वाई.एन.बी.0009874 के माध्यम से भेजी जा सकती है। हमने पतहर को खास बनाने का भरपूर प्रयास किया है,उम्मीद है पतहर का यह हिन्दी ग़ज़ल केन्द्रित अंक आपको जरुर पसंद आयेगा।आपके विचार व राय अपेक्षित। विभूति नारायण ओझा,
संपादक-पतहर
संपादक-पतहर
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patahar.blogspot.com
MO.9450740268
6 Comments
कृपया अपनी राय अवश्य दें .
ReplyDelete" पतहर " अपने आप में एक संपूर्ण पत्रिका है, इच्छा होती है अवलोकन की और अपनी रचना भी भेजने की | आगामी अंक भी इसी तरह आती रहे | साधुवाद |
ReplyDeleteविद्या शंकर विद्यार्थी
30/08/2018
" पतहर " अपने आप में एक संपूर्ण पत्रिका है, इच्छा होती है अवलोकन की और अपनी रचना भी भेजने की | आगामी अंक भी इसी तरह आती रहे | साधुवाद |
ReplyDeleteविद्या शंकर विद्यार्थी
30/08/2018
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Deleteकृपया प्राप्ति की सूचना देना चाहेंगे
ReplyDeleteकृपया प्राप्ति की सूचना देना चाहेंगे
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