*डॉ०अजय कुमार मिश्र/विचार
*प्रदेश के विश्वविद्यायों से सम्बद्ध महाविद्यालयीय राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारियों सहित विश्वविद्यालयीय समन्वयक शासन के रवैये से हो चुके परेशान!!*
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*इस माह अगर बकाए अंशदान का नही हुआ भुगतान तो दम तोड़ सकती है भारत की सबसे बड़ी राष्ट्रीय युवा योजना।।*
आप सभी को ज्ञात है कि उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को अध्ययन अध्यापन के साथ-साथ सामाजिक कार्यों से जोड़कर स्वयं के व्यक्तित्व विकास एवं समग्र राष्ट्रीय चेतना की परिकल्पना से ओत-प्रोत पुरातन समाजसेवी वुद्धिजीवी वर्ग द्वारा राष्ट्र कल्याण हेतु,इस देश में राष्ट्रीय सेवा योजना की व्यवस्था की गई थी;जो एक योजना ही नही अपितु समग्र शिक्षित युवा को राष्ट्रीय चेतना के प्रति अहर्निश जागरुक रहने का भाव भरने वाली योजना चलाई गई,जो लगभग प्रदेश के समस्त स्ववित्तपोषित,अशासकीय एवं राजकीय महाविद्यालयों में लागू है।इस योजना के संचालन के निमित्त कुछ आंशिक अनुदान सरकार द्वारा महाविद्यालयों को प्रदान किये जातें हैं, जिससे छात्रों के भोजन एवं नास्ता सहित कार्यक्रमाधिकारियो के आंशिक मानदेय प्रदान करने की व्यवस्ता की गयी है।
पिछले सत्र में इस योजना के तहत अनेक एक दिवसीय एवं साप्ताहिक विशेष शिविर का आयोजन कार्यक्रमाधिकारियो द्वारा खुद के पैसे से कराया गया;लेकिन आज तक पिछले खर्च हुए पैसे का भुगतान विश्वविद्यालय स्तर से नही कराया गया;वहीं विश्वविद्यालय और समन्वयक शासन से अभी तक पैसा अवमुक्त न हो पाने की दुहाई दे रहे हैं।
स्थिति ऐसी आ चुकी है महाविद्यालयीय कार्यक्रमाधिकारियो एवं विश्वविद्यालयीय समन्वयक गणों को इस योजना के प्रति शासन के रवैये को लेकर भारी असन्तोष की स्थिति व्याप्त हो चुकी है;क्योंकि शासन से पिछला अंशदान मिला नही और नए सत्र का विशेष कार्यक्रम कराने का समय आ चुका है।
अब देखा जाय कि शासन द्वारा इस योजना में खर्च पुराने बकाए अंशदान को देते हुए,आगत नवीत माह में विशेष शिविरों के आयोजन हेतु,धन अवमुक्त किया जाता है,या हमारे पुरोधा समाजसेवियों एवं बुद्धजीवियों की बनाईं राष्ट्रीय सेवा योजना जैसी शिक्षित युवाओं के व्यक्तित्व विकास में सहायक एवं समग्र राष्ट्रीय चेतना के प्रति जागरूकता दायी राष्ट्रीय सेवा योजना दम तोड़ देती है।
धन्यवाद!!
*डॉ०अजय कुमार मिश्र*
*(सँयुक्त-मंत्री-suacta)*
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