पतहर

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आमोद नाथ त्रिपाठी के निधन से जनपद में शोक की लहर

स्वाधीन चेतना के प्रतीक पुरुष थे आमोद नाथ :डॉ चतुरानन

देवरिया। संत विनोबा पीजी कॉलेज देवरिया के सेवानिवृत्त आचार्य डॉ आमोद नाथ त्रिपाठी जी  का निधन देवरिया के शैक्षिक एवं चिंतन जगत की अपूरणीय क्षति है| उनके भीतर प्रारंभ से ही वह लोकतांत्रिक चेतना थी कि उन्होंने प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर स्वतंत्रचेता  शिक्षक के रूप में कार्य करना पसंद किया था।
डॉक्टर त्रिपाठी जी का स्वाभिमानी  और गरिमामय व्यक्तित्व न सिर्फ उन के छात्रों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादाई था| वे आज के दरबारीपन की संस्कृति के खिलाफ स्वाधीन चेतना के प्रतीक पुरुष थे|
उन्होंने समाजवादी संत और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबा राघवदास पर शोध कार्य किया था और डॉक्टरेट की उपाधि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी।
स्ववित्त पोषित शिक्षक एसोसिएशन के प्रवक्ता डां चतुरानन ओझा ने उनके निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि
 जल्दी ही उनकी किताब का नया संस्करण भी आने वाला था| अभी कुछ रोज पहले ही उन्होंने मुझसे 12 दिसंबर बाबा राघव दास के जन्मदिन पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में अपने एक व्याख्यान के लिए सहमति  भी दी थी|डॉ ओझा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आज के कठिन राजनीतिक सामाजिक दौर में उनकी बहुत जरूरत थी| इस संदर्भ में उन्होंने हमसे तमाम वायदे भी किए थे| आज उनके अचानक चले जाने से हम शोकाकुल हैं  और उन्हें  अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । जनपद के शिक्षकों व विभिन्न सामाजिक ,राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
पतहर पत्रिका के संपादक विभूति नारायण ओझा, नागरी प्रचारिणी देवरिया के मंत्री इंद्र कुमार दीक्षित, सर्वोदय के मकसूदन उपाध्याय, सरोज पांडे , सुधाकर मणि त्रिपाठी ,जसम के उद्भव  मिश्र, नित्यानंद त्रिपाठी ,अरविंद गिरी, एनसीपी के प्रदेश महासचिव संजयदीप कुशवाहा ,मुक्त विचारधारा अखबार के संपादक चक्रपाणि ओझा , डॉक्टर आलोक कुमार पांडे, विशंभर, सोमेश्वर त्रिपाठी ,सत्येंद्र यादव , प्रमोद ओझा,आदि ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक चिंतक और विचारक बताया।

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1 Comments

  1. बहुत दुखद, श्रृद्धांजलि

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