पतहर

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अपने लोगों के बीच सम्मान पाना दुनिया के किसी भी सम्मान से बड़ा : डॉ प्रेम शीला

* नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया में डॉ  प्रेमशीला शुक्ल का सम्मान

पतहर प्रतिनिधि,देवरिया। अपने भोजपुरी  कहानी संग्रह 'जाये के बेरिया' के लिये उ प्र हिंदी संस्थान द्वारा राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार से पुरस्कृत,बीआरडी स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवरिया की निवर्तमान सह आचार्य हिन्दी विभाग,एवं नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया  की पूर्व मन्त्री और उपाध्यक्ष रह चुकीं डॉ  श्रीमती प्रेमशीला शुक्ल जी को सभा को दी गई अमूल्य सेवाओं के लिये सभा द्वारा उन्हें 'सारस्वत नागरी सम्मान' से विभूषित किया गया। सम्मान स्वरूप कार्य समिति के सदस्यों ने डा. शुक्ला को पुष्प हार,पुष्प गुच्छ,उत्तरीय और सम्मान पत्र भेंट किया। सम्बोधित करते हुए डा.प्रेम शीला जी ने कहा कि हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार को समर्पित यह सभा मेरे  लिये अपने घर जैसी है,अपने लोगों के बीच सम्मान पाना दुनिया के किसी भी सम्मान से बड़ा है,मैं  कहीं भी रहूं सभा से निरंतर जुड़ी रहूंगी,जो कुछ भी कर सकती हूं,करूंगी।


कार्यक्रम का शुभारंभ माँ वीणापाणि को पुष्पार्चन और कवि  नित्यानंद आनन्द के  वाणी वंदना से हुआ। कवि डॉ  गोपाल जी त्रिपाठी ने सुन्दर स्वागत गीत प्रस्तुत किया तत्पश्चात संयोजक डॉ सौरभ श्रीवास्तव,डॉ भावना सिन्हा,दुर्गा पांडेय,डॉ जयनाथ मणि,डॉ मधुसूदन मणि त्रिपाठी और डा  दिवाकर प्रसाद तिवारी ने डा शुक्ला का स्वागत और उनकी कृति जाये के बेरिया पर समीक्षात्मक वार्ता प्रस्तुत किया।

समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य गण गोपाल कृष्ण रामू,वृद्धिचंद विश्वकर्मा,संजय राव,जगदीश उपाध्याय ने फूलमाला से मंचस्थ अतिथि गण का स्वागत किया।इस अवसर पर साहित्यकार आशुतोष  त्रिपाठी,डॉ  अजय मिश्र,हृदय नारायण जायसवाल, गिरीश जी,पंकज बरनवाल पूर्व प्रधानाचार्य शारदा प्रसाद श्रीवास्तव,पुष्प देव मणि, बृजेन्द्र मिश्र आदि  उपस्थित रहे।अध्यक्षीय उद्बोधन आचार्य परमेश्वर जोशी एवं संचालन सभा के मन्त्री इंद्र कुमार दीक्षित  ने किया।

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