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संघर्ष का कवि सदैव अमर रहता है : डॉ शकुंतला

(चक्रपाणि ओझा) देवरिया। निराला ऐसे कवि हैं जिनकी यश गाथा युगों युगों तक गायी होगी। वे स्वयं के लिए नहीं अपितु दुनिया के लिए संघर्ष करते थे। उक्त आशय का विचार नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा मंगलवार को आयोजित निराला जयंती समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए मठलार पीजी कालेज में हिंदी विभाग की सहायक आचार्य डा.शकुंतला दीक्षित ने व्यक्त किया था।

 उन्होंने कहा कि निराला अंतिम आदमी तक पहुंचना चाहते थे, निराला श्रम में सौंदर्य की तलाश करते हैं वे पत्थर तोड़ती हुई स्त्री में प्रकट होते हैं। उन्होंने कहा कि निराला संघर्ष के कवि हैं और संघर्ष का कवि सदैव अमर रहता है, उनकी कविताएं कल भी प्रासंगिक थीं, आज भी प्रासंगिक हैं और कल भी प्रासंगिक रहेंगीं.डॉ दीक्षित ने कहा कि निराला के राम तुलसी के राम नहीं हैं, उनके लिए संघर्ष करना पड़ता हैं।उन्होंने कहा कि निराला की अभिजात्य वर्ग से सहानुभूति नहीं थी वे सर्वहारा को केंद्र में रखकर साहित्य का सृजन करते रहे हैं। 

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पुलिस अधीक्षक डॉ श्रीपति मिश्र ने कहा कि कवि वही लिखता है जो समाज में देखता है निराला ने भी वही लिखा जो उन्होंने महसूस किया। डॉ.मिश्र ने कहा कि निराला जी जीवन भर संघर्ष करते हुए विपरीत परिस्थितियों से लड़ना उनका स्वभाव बन गया था। यह समाज सदैव उनका ऋणी रहेगा। पुलिस अधीक्षक ने स्वरचित कविताओं का पाठ भी इस अवसर पर किया। इस अवसर पर नागरी प्रचारिणी सभा से जुड़े हुए गणमान्य नागरिकों और जनपद के साहित्य प्रेमियों का सभा की ओर से अंग वस्त्र, पुस्तक व लेखनी देकर सम्मान किया गया।

समारोह की प्रमुख सभा के अध्यक्ष भगवान जोशी ने किया संयोजन दिनेश मणि त्रिपाठी ने किया और समारोह का सफल संचालन मंत्री इंद्र कुमार दीक्षित ने किया। आमंत्रित पत्रकार व श्रोताओं का आभार ज्ञापन कवि सरोज पांडेय ने किया।
समारोह के दूसरे सत्र में स्थानीय कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया जिसमें उपस्थित श्रोताओं ने काफी सराहा। समारोह के अंत में डॉ.दिवाकर प्रसाद तिवारी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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