पतहर

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बीज बचा रहेगा तभी फसलें उग पाएंगी : प्रो.चित्तरंजन मिश्र

(संवाददाता)
गोरखपुर। 'हर समय की चुनौतियां अलग होती हैं। हमेशा यह भी सम्भव नही होता कि स्थितियां आपके ही नियंत्रण में हों। किसान भी जब सूखे या जल प्रलय की आशंका महसूस करता है तब वह आने वाले कल के लिए एक मुट्ठी बीज बचाकर रख लेता है। हमें भी प्रतिकूल वातावरण में, विरोधी समय में भी, मूल्यों , नैतिकताओं और प्रतिरोध का एक मुट्ठी बीज बचा लेना चाहिए। बीज बचा रहेगा तभी फसलें उग पाएंगी।'
यह उदगार विवि के हिन्दी विभाग और विवि शिक्षक संघ तथा उ प्र आवासीय विश्वविद्यालय महासंघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो चित्तरंजन मिश्र ने आज संवाद भवन में आयोजित सम्मान समारोह में व्यक्त किए।
उ प्र आवासीय विवि महासंघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में अपने सम्मान के लिए संगठन तथा विवि परिवार के सदस्यों का भावुक आभार व्यक्त करते हुए प्रो मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय जीविका की सर्वोत्तम जगह है क्योंकि यह आपको ढेरों जंजीरों, बन्धनों और गुलामियों से मुक्त होने का अवसर प्रदान करती है। यह सुख और यह अवसर मूल्यवान है जिसकी कीमत हम सभी को समझनी चाहिए।

खचाखच भरे संवाद भवन में तीन घण्टे से भी अधिक समय तक चले इस कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए प्रतिकुलपति प्रो हरिसरन ने प्रो मिश्र को शिक्षक हितों के लिए सतत संघर्षरत योद्धा बताते हुए कहा कि शिक्षक नेता होते हुए भी एक अत्यंत मर्यादित और अनुशासनबद्ध जीवनचर्या अपनाना और इन सबके साथ साथ अपने विषय का मर्मज्ञ विद्वान होना उन्हें विशिष्ट बनाता है जो हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।
इससे पूर्व कार्यक्रम के परिकल्पक और महासंघ के मुख्यालय सचिव प्रो राजवन्त राव ने प्रो मिश्र के 36 वर्षों के सेवाकाल के अनेक अविस्मरणीय प्रसंगों का जिक्र करते हुए उन्हें अदम्य साहसी , जुझारू और प्रखर नेता बताते हुए कहा कि वे सुविधाजनक चुप्पी की बजाय स्पष्ट और मुखर पक्षधरता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने व्यापक शिक्षक हितों के लिए ऐसे फैसलों के लिए निर्णायक संघर्ष करने में भी हिचकिचाहट नही दिखाई जो निजी तौर पर उनके लिए नुकसानदेह थे।
इस अवसर पर बोलते हुए विवि शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो विनोद कुमार सिंह ने प्रो मिश्र के संघर्षशील व्यक्तित्व का जिक्र करते हुए कहा कि लंबे समय तक उनके सान्निध्य में काम करते हुए मैने सीखा कि शिक्षक हितों की लड़ाइयां कैसे लड़ी जाती हैं। मंच पर मौजूद महासंघ के महामंत्री और शकुंतला विवि,लखनऊ के आचार्य प्रो पुष्पेंद्र मिश्र ने महासंघ के तमाम आंदोलनों में प्रो मिश्र की अद्भुत नेतृत्व क्षमता का योगदान बताते हुए कहा कि सेवानिवृत्त होने के बावजूद महासंघ आज भी उन्हें ही अध्यक्ष मानता है और मानता रहेगा। शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष रहे प्रो एस एन चतुर्वेदी ने भी अनेक संस्मरणों के माध्यम से प्रो चित्तरंजन मिश्र की नेतृत्व क्षमता और जुझारूपन को रेखांकित किया।
इससे पहले विवि के संकयाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, निकाय प्रमुखों , वरिष्ठ आचार्यों, कर्मचारी संघ एवं महासंघ के प्रतिनिधियों ने प्रो मिश्र का पुष्पगुच्छ, मालाओ, अंगवस्त्रम तथा प्रतीक चिन्हों के द्वारा अभिनन्दन और सम्मान किया गया। समारोह में विवि के वित्त अधिकारी श्री वीरेंद्र चौबे, लेखाधिकारी श्री पी एन सिंह सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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