पतहर

पतहर

उसने कहा था(कविता)

प्रस्तुति:केशव शुक्ल

उसने जो भी कहा हो;
ठीक-ठीक याद तो नहीं
पर इतना ज़रूर है
कि 
उसने कहा था
और ठीक से सुना था
गुलेरी जी ने
आज कल तो  इतने सारे खटराग हैं 
कि ठीक ठीक सुन पाना भी कठिन है
याद रख पाना कठिन है
किसने कहा था,क्या कहा था?
कब कहा था ,कहाँ कहा था?
कठिन है बना पाना फेहरिश्त
बहुत अच्छा तो यह हो,
कि कोई यह भी न कहे 
तुमने जो कहा था -याद रखना
कठिनाइयां
इस चुनौती भरे कठिन समय में
स्वयं तलाश रहीं हैं 
अपना अर्थ;
शब्द कोने में बैठे हैं गुमसुम
न जाने कब क्या हो जाय
उनका मतलब!
ऐसे में
कैसे याद रख पायेगा कोई
जो उसने कहा था
गुलेरी के सिवा...

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