पतहर

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सामाजिक कार्यकर्ता व कवि विश्वंभर ओझा को दी गई श्रद्धांजलि

देवरिया। जिले के खुखुन्दू क्षेत्र के बहादुरपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता एवं युवा कवि विश्वंभर ओझा के आकस्मिक निधन पर बहादुरपुर स्थित पतहर पत्रिका/ मुक्त विचार धारा कार्यालय पर एक शोक सभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 



कवि, सहयोगी विश्वम्भर ओझा को खो दिया. वे 38 के ही थे.सामाजिक कार्यो में बढ चढ कर हिस्सेदारी करने वाले विश्वम्भर ओझा देवरिया जिले के बहादुरपुर गाँव के निवासी थे, मुक्त विचारधारा के संस्थापकों में रहे. उनके असमय जाने से पूरा परिवार दुखी है. वे मधुर आवाज के धनी थे. गीत ग़ज़ल गुनगुनाते रहते.आप की कमी हमेशा खलेगी.

विश्वम्भर ओझा की मधुर आवाज... जो अब नहीं सुनने को मिलेगी... 

https://youtu.be/zhdl5dmo_70

श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने स्व. विश्वंभर को एक लोकप्रिय युवा व सामाजिक सरोकारों से जुड़े एक संघर्षशील कार्यकर्ता बताते हुए उनके किए गए योगदानों की चर्चा की। 


स्व. विश्वंभर के बड़े भाई और चर्चित किसान नेता व शिक्षक डा. चतुरानन ओझा ने कहा विश्वंभर का अचानक चले जाना हमारी अपूरणीय क्षति है । वह सिर्फ हमारे भाई ही नहीं हमारे साथी भी थे ।


इसी क्रम में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष डा. कृष्णा जायसवाल, अरविंद गिरि, रामकिशोर वर्मा,प्रमोद ओझा,युवा पत्रकार चक्रपाणि,राजेश मणि, सत्येंद्र मणि, राजेश चौहान,बृजेश, पप्पू विश्वकर्मा, चन्द्रकेतु,राकेश सिंह, अजय राय,डा. बीएम तिवारी, दीनानाथ राय,एपवा की गीता पांडेय,कृपा शंकर, चतुर्भुज ओझा, नरसिंह चौहान, विकास,पतहर के संपादक विभूति नारायण ओझा, सर्वेश्वर,सिदधेश्वर, हर्ष, श्वेता, पूर्व प्रधान पूनम ओझा, आशी, अनुराग आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की । फोन और सोसल मिडिया पर उनके जानने वाले दुखी मन से अपने साथी को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.

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