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हमारे जीवन में मातृभाषा का स्थान महत्वपूर्ण : चक्रपाणि

शहीद बंधू सिंह महाविद्यालय मे अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हुई परिचर्चा
पतहर संवाददाता ,गोरखपुर। शुक्रवार को अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर स्थानीय शहीद बन्धू सिंह डिग्री कालेज करमहां में स्नातक छात्र-छात्राओं के मध्य "मातृभाषा का महत्व" विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में मातृभाषा के महत्व पर बोलते हुए स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र सागर कुमार ने कहा की मातृभाषा वह होती है जो हमें हमारी मां सिखाती है। जिस प्रकार हम अपनी मां का सम्मान करते हैं ठीक उसी प्रकार अपनी मातृभाषा का भी सम्मान करना चाहिए। 
विषय प्रवर्तन करते हुए परिचर्चा संयोजक व शिक्षक चक्रपाणि ओझा ने कहा कि हमारे जीवन में मातृभाषा का स्थान महत्वपूर्ण है। हमें अपनी भाषा में चीजें आसानी से समझ में आती हैं। पढ़ाई-लिखाई का माध्यम मातृभाषा में होना चाहिए खासकर बच्चों की बुनियादी शिक्षा मातृभाषा में ही दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक विकसित व विकासशील देश अपने बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही शिक्षा देते हैं। आज विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में मातृभाषा भी एक महत्वपूर्ण कारक है। नई शिक्षा नीति और उसके पूर्व के सभी शिक्षा आयोग ने भी प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही देने की बात कही है। हमें अपनी मातृभाषा के साथ-साथ दूसरों की मातृभाषाओं का भी सम्मान करना चाहिए। 
परिचर्चा का संचालन व आभार ज्ञापन छात्र आनंद सागर ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रियंका सोनम,प्रीति सिंह,रौशनी जायसवाल, साधना,संजना,पुष्पा यादव,सुमन चौहान,रिंकी मौर्य, रूचि, प्रीति सैनी, प्रिया,दीपक कुमार, अंकित पाल,करन,सौरभ,नीलेश प्रजापति आदि छात्र- छात्राओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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