पतहर

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14 फरवरी को राष्ट्रीय प्रेम दिवस घोषित करें

हास्य व्यंग्य/मदन गुप्ता सपाटू/

कैलेंडर में 14 तारीख का बहुत महत्व हैै। हर महीने की 14 तारीख को कुछ न कुछ लगा ही रहता है। छोटे थे तो 14 जनवरी को घर पर जल्दी उठा दिया जाता था। उठो आज मकर संक्राति है। सूर्य को जल दो । खिचड़ी और तिल को हाथ लगा कर दान दे आओ। जरा उम्र खिसकी तो 14 नवंबर का अर्थ हो गया चाचा नेहरु जिंदाबाद। स्कूल से कालेज आए तो 14 सितंबर हो गया हिंदी डे। मनाओ भइया। हिंदी दिवस को पूरी  अगं्रेजियत से ं सरकारी खर्चें पर मनाओ । जवां हुए तो 14 फरवरी के आजाद वेलंेटाइन डे की खासियत समझ आने लगी। पूरा साल इज़्ाहारे इश्क न कर पाए तो इस दिन बेबाक कह होकर कह सकते हैं- आई लव यू या शार्ट में गा सकते हैं ईलू ईलू और किसी साल 14 फरवरी को महाशिवरात्रि पड़ जाए तो सब गुड़ गोबर हो जाता है।__________________________________

वसंत और वेलेंटाइन दोनों का अंग्रेजी में विक्टरी साइन वी  जो अक्सर नेता चुनाव परिणाम आने से पहले ही दिखाने लगते हैं। इन दोनों का चोली दामन का साथ है। कभी वेलंेटाइन आगे तो कभी  वसंत पहले । कई बार इतना ताम झाम , शोर गुल , हो हुल्लड़, बाजार में रौनक हमारे किसी  राष्ट्र्ीय उत्सव पर नहीं दिखाई देती जितनी ढाई आखर के प्रेम दिवस पर । महान संत वेलंेटाइन के चरण चूमने को दिल मचल उठता है। वैसे तो हमारे अपने  कई संत भी इस फील्ड में किसी से कम नहीं जिन्होंने पूरे संसार को ऐसे ऐसे संदेशों से नवाजा है परंतु आजकल कंस निर्मित विश्राम गृहों में प्रेम ग्रंथों  का मंथन कर रहे हैं और अदालतों की ओर टुकुर टुकुर ताक रहे हैं। अपने देश में ऐसे संतों का बड़ा निरादर हो रहा है। विदेशी संतो को ही पूजा जा रहा है। घर जोगी जोगड़ा बाहर का जोगी संत।



       हमारे कैलेंडर में 14 तारीख का बहुत महत्व हैै। हर महीने की 14 तारीख को कुछ न कुछ लगा ही रहता है। छोटे थे तो 14 जनवरी को घर पर जल्दी उठा दिया जाता था। उठो आज मकर संक्राति है। सूर्य को जल दो । खिचड़ी और तिल को हाथ लगा कर दान दे आओ। जरा उम्र खिसकी तो 14 नवंबर का अर्थ हो गया चाचा नेहरु जिंदाबाद। स्कूल से कालेज आए तो 14 सितंबर हो गया हिंदी डे। मनाओ भइया। हिंदी दिवस को पूरी  अगं्रेजियत से ं सरकारी खर्चें पर मनाओ । जवां हुए तो 14 फरवरी के आजाद वेलंेटाइन डे की खासियत समझ आने लगी। पूरा साल इज़्ाहारे इश्क न कर पाए तो इस दिन बेबाक कह होकर कह सकते हैं- आई लव यू या शार्ट में गा सकते हैं ईलू ईलू । और किसी साल 14 फरवरी को महाशिवरात्रि पड़ जाए तो सब गुड़ गोबर हो जाता है।
        थोड़े और बड़े हुए तो पता चला ये कम्बख़्त 14 तारीख किसी भी महीने क्यों न आए, कुछ न कुछ मनवा  के ही जाती है। 14 जनवरी- कैंडल डे, 14 मार्च- व्हाईट डे, 14 अप्रैल- ब्लैक डे, 14 मई - रोज़ डे, 14 जून - किस डे, जुलाई की 14 को सिल्वर डे, और अगस्त का यही दिन कहलाया- ग्रीन डे। सितंबर 14 को हमारा हिंदी डे तो अंग्रेजों ने डिक्लेयर कर दिया- म्युजिक डे, यानी गाना बजाना हो जाए। सबका ख्याल रखा गया है हर महीने की 14 को। अक्तूबर को टुन्न दिवस यानी वाइन डे। चाचा नेहरु का 14 नवंबर पश्चिमी देशों में मूवी डे कहलाता है। दिसंबर की 14 को हग डे कहा गया है। हमारे गांव की भाषा में इसका मतलब कुछ और है परंतु अंग्रेज इसे गले लगाने का दिन मानते हैं। भारत में यदि यह हग डे वेलेंटाइन  की तरह पापुलर हो गया  तो आस पड़ोस में तबाही मच जाएगी। रेलवे ट्रै्क और महक उठेंगे। गले मिलने का लायसेंस मिल जाएगा। अब पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए इसलिए रोज कोई न कोई डे हो जाए। हर दिन - नया दिन ।


       मोटे तौर पर जो म्हारी समझ में आवे , वो है 14 फरवरी को  होवे है ,प्रेम दिवस। म्हारे हरयाणे मां एक छोरा- छोरी प्रेम करें थे। खाप वालों ने जो धुनाई की कि टूटी -फूटी हालत मां , गांव से एक बड़े सहर मां आ घुसे। संयोग यो बना कि उस दिन वेलेंटाइन डे था। एक दल ने पिछले साल ही घोषणा कर दी थी कि अगले साल हमारा दल एक पंडड्त समेत घूमेगा और जो छोरा - छोरी ऐसी हालत में पाया जावेगा, हम उसकी सादी कर देंवेंगे।  बस गांव के बबली- बंटी काबू आ गए। डंडे-शंडे लिए मुशटंडे दोनों के पीछे  लटठ् लेके पड़ गए पीछे। सात की बजाय 14 फरवरी को 14 फेरे दिलवा दिए गोल गोल घुमा के। बबली भी खुश ! और बंटी क्या चाहवे था दो आखें । जो काम घर वाले न कर सके थे , खाप वाले टांग अड़ावे थे वो एक दल ने वेलेंटाइन के विरोध में एक दिन में ही निपटा दिया। उनकी वाह वाह हो गई और बंटी को बबली मिल गई।
       इस दिन का एक फायदा और भी है। धर्म , संस्कृति के नाम पर जोर आजमाइश का मौका भी मिल जाता है। हुल्लड़ बाजों को होली सा माहौल एक महीने पहले ही दिख जाता है। सोलह साल से लेकर 70 साल तक के बिना दांत -बिना आंत वाले प्रेमी भी फुली  चार्ज हो जाते हैं।  टी वी चैनलों को लव गुरुओं के इंटरव्यू  लेने और पूरे दिन वेलेंटाइन डे के फायदे नुक्सान गिनाने के लिए च्युंगम की तरह बहस खींचने का शुभ अवसर मिल जाता है।
      एक लड़की एक दूकान पर गई और पूछने लगी ,भइया कोई ऐसा कार्ड आया है जिसमें लिखा हो यू आर माई फर्स्ट एंड लास्ट वेलेंटाइन। दूकान दार ने कहा ,आया है। लड़की बोली बस 50 पैक कर दो। उसका काम तो हो गया। हमारे एक वकील मित्र का ध्ंाधा, कोरोना ने कर दिया मंदा। उन्होंने भी देखा देखी 50 कार्ड पैक करवा लिए। दुकानदार की समझ नहीं आया कि लड़की ने 50 लिए तो बात समझ आती है लेकिन ये बुढ़उ इस उम्र में किस को किसको भेजेंगे ?  वकील साहब ने इसका रहस्य बतानें की फीस चार्ज करते हुए, 50की बजाए 60 देने को कहा। दुकानदार मान गया क्योंकि जमाना व्हाट्स एप का है। कार्ड वार्ड तो वैसे भी धूल ही चाट रहे थे। वकील साहब ने बताया कि पिछली बार उन्होंने ऐसे 25 कार्ड लेकर पॉश कालोनियों में पोस्ट कर दिए थे।  भेजने वाले की जगह लिखा था - तुम्हारी जान !! पहचान गए !! शाम को मिलो सैक्टर 17 में। लव यू स्वीट हार्ट!!!
बस 14 मार्च तक, 14 केस ]तलाक के मिल गए थे। इस बार कोरोना जैसी आपदा को अवसर बनाने का यही फार्मूला 44 है। ध्ंाधा कोई मंदा नहीं होता। 
       इसी दिन एक पति रात को दो बजे ही उठ कर दारु चढ़ाने लगा। पत्नी ने विश किया हैप्पी वेलेंटाइन डे। ‘आज 14 फरवरी को हमारी शादी की 14 वीं वर्ष गांठ है।’, वह बोली । पति ने हां में हां मिलाई,‘ हां याद क्यों नहीं ? 14 साल पहले तुम्हारे जज बाप ने इसी कमरे में हमें रंगे हाथों पकड़ा था और अॅान द् स्पॅाट फैसला सुना दिया था कि तुझे मैं पूरे 14 साल  के लिए अंदर कर दूंगा। आज मेरी सजा के 14 साल पूरे हो गए हैं और आज इस जेल से आजाद हो गया हूं........।’
      इसी तरह एक श्री मती जी  ने वेलेंटाइन डे से एक दिन पहले ,पति को मूड में लाने के लिए कहा- डियर मैनें सपने में देखा कि तुम मेरे लिए 14 फरवरी को एक नेकलेस लेकर आए हो । इस सपने का क्या मतलब हो सकता है? पति महोदय ने कहा कि कल बताउंगा। अगले दिन वह एक बड़ा सा खूबसूरत रंग बिरंगा बॉक्स लेकर आया। श्री मती जी ने 14 फरवरी की भावना को ध्यान में रख कर प्रेम का प्रदर्शन किया। अकेले में जब डिब्बे की कई परतें खोलीं तो उसमें एक बढ़िया सी पुस्तक निकली जिसका टाइटल था- सपनों की हकीकत। इसके बाद पति ने कहा डियर तुम्हारे गले के लिए आज एक और गीफट लाया हंू। और उसने विक्स की गोलियों का एक पैकेेट थमा दिया।
      हमारे एक मित्र को वेलेंटाइन का मतलब तब समझ आया जब उसने 14 फरवरी को अपनी बीवी को सफेद गुलाबों का बुके थमाया। बीवी ने आखें फाड़ कर पूछा- इस दिन लाल गुलाब दिए जाते हैं , इतना भी नहीं पता ? वह बोला- अब प्यार से ज्यादा शांति की जरुरत है। बस उसका  वेलेंटाइन डे बन गया ‘बेलन टाइन डे’।
 आप भी अपना ध्यान रखिएगा.  प्रेम दिवस दी लख लख बधाई जी!

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मदन गुप्ता सपाटू , 

मोः98156- 19620

458, सैक्टर 10, पंचकूला

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