रिपोर्ट: विभूति नारायण ओझा,
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश सरकार की भाषा अनुभाग द्वारा संस्कृत भाषा के विकास एवं उन्नयन हेतु वृहद योजना तैयार करने के लिए एक छ: सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।
उत्तर प्रदेश शासन के भाषा अनुभाग 3 के पत्र संख्या 90/21-तीन 2019,सं.सं.-09/ 2019 दिनांक 2 अक्टूबर 19 के द्वारा उत्तर प्रदेश में संस्कृत भाषा के विकास हेतु एक वृहद योजना तैयार किए जाने के लिए 2 माह का समय निर्धारित करते हुए गठित कमेटी से रिपोर्ट के अपेक्षा की गई है।
प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार के तरफ से जारी पत्र में संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान नई दिल्ली के पदम श्री राम कृष्ण शास्त्री को इस कमेटी का अध्यक्ष, प्रोफ़ेसर राजाराम शुक्ल कुलपति संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, प्रोफ़ेसर मुरली मनोहर पाठक, विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर, प्रोफेसर केबी राजू, आर्थिक सलाहकार माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को बतौर सदस्य, डॉक्टर वाचस्पति मिश्र, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ को समन्वयक तथा पदेन सदस्य सचिव निदेशक उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ को नामित किया गया है।
![]() |
प्रो मुरलीमनोहर पाठक |
गठित कमेटी से 2 माह में संस्कृत भाषा के उत्तर प्रदेश में विकास से संबंधित एक वृहद कार्ययोजना प्रस्तुत करने की अपेक्षा की गई है।
संस्कृत भाषा के विकास के लिए गठित कमेटी में गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर मुरली मनोहर पाठक को बतौर सदस्य नामित किया गया है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी एवं मीडिया प्रभारी प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि संस्कृत भाषा के विकास के लिए जो कमेटी बनाई गई है उसमें गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मुरली मनोहर पाठक का भी नाम है। प्रोफेसर पाठक के कमेटी में शामिल होने से गोरखपुर विश्वविद्यालय उत्साहित है और उम्मीद करता है कि प्रोफ़ेसर पाठक बेहतर कार्य योजना तैयार करने में मदद करेंगे।
कमेटी में प्रोफ़ेसर पाठक के नामित होने पर संस्कृत जगत के लोगों, गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, छात्रों में हर्ष व्याप्त है।
0 Comments