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नामवर सिंह के निधन पर संगठनों ने दी श्रद्धांजलि

* नामवर सिंह के निधन से हिन्दी साहित्य में एक विराट शून्य पैदा हुआ

* मनोज सिंह ने गोरखपुर के कई कार्यक्रमों की यादें साझा की और कहा कि नामवर सिंह अपने गुरू हजारी प्रसाद द्विवेदी की तरह आकाशधर्मी गुरू थे

गोरखपुर। जन संस्कृति मंच, प्रेमचन्द साहित्य संस्थान, अलख कला समूह सहित कई साहित्यिक व सांस्कृतिक संगठनों ने आज शाम प्रेमचन्द पार्क में श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। इस मौके पर साहित्यकारों, लेखकों व संस्कृति कर्मियों ने नामवर सिंह से जुड़ी स्मृतियों को साझा किया और कहा कि उनके निधन से हिन्दी साहित्य में एक विराट शून्य पैदा हुआ है।
श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ कथाकार मदन मोहन ने कहा कि नामवर सिंह की उपस्थिति ही बहुत भारी होती थी। उन्होंने गोरखपुर व अन्य स्थानों पर एक दर्जन से अधिक साहित्यिक कार्यक्रमों में उनसे जुड़ी यादें साझा करते हुए कहा कि वे हिन्दी साहित्य की बड़ी थाती है जिन्हें भुला पाना मुश्किल होगा। समाजवादी नेता राजेश सिंह ने जेएनयू में अपनी पढ़ाई के दौरान नामवर सिंह से मुलाकातें और उनकी कक्षाओं में उनको सुनने की ललक की स्मृतियां साझा की। उन्होंने कहा कि जेएनयू में उच्च शैक्षणिक संस्कृति को स्थापित करने में नामवर सिंह का महत्वपूर्ण योगदान है। युवा लेखक आनन्द पांडेय ने कहा कि नामवर सिंह ने देश भर में हिंदी शिक्षकों की एक पीढ़ी तैयार की जिन्होंने हिंदी को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ आनंद
वरिष्ठ रंगकर्मी एवं कथाकार राजाराम चैधरी ने कहा कि नामवर सिंह को संस्कृत काव्य शास्त्र और पाश्चात्य काव्य शास्त्र दोनों का गहरा अध्ययन था। श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ समाजवादी नेता फतेहबहादुर सिंह, कथाकार आसिफ सईद, सामाजिक कार्यकर्ता मांधाता सिंह, वरिष्ठ पत्रकार जगदीश लाल, अशोक चैधरी, जनचेतना से जुड़ी रूबी, संदीप राय आदि ने नामवर सिंह से जुडी स्मृतियां बयां की और उन्हें अजीम शख्सियत बताया।
संबोधित करते जसम के मनोज सिंह
संचालन कर रहे जन संस्कृति मंच के महासचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि नामवर सिंह का गोरखपुर से गहरा लगाव था और वे अक्सर यहां आते थे। दस वर्ष पहले प्रेमचंद पार्क में नामवर सिंह ने आलोचक कपिलदेव की पुस्तक का लोकार्पण किया था। इसके बाद वह गोरखपुर नहीं आ सके। उन्होंने प्रेमचंद पार्क में कई व्याख्यान दिए। उनके द्वारा प्रेमचन्द पार्क में लगाया मौलिश्री का पौधा आज एक बड़ा वृक्ष बन चुका है। श्री सिंह ने गोरखपुर के कई कार्यक्रमों की यादें साझा की और कहा कि नामवर सिंह अपने गुरू हजारी प्रसाद द्विवेदी की तरह आकाशधर्मी गुरू थे।
श्रद्धांजलि सभा में विकास द्विवेदी, आमी बचाओ मंच के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह, राजेश साहनी, ओंकार सिंह, सुजीत श्रीवास्तव, बैजनाथ मिश्र, बेचन सिंह पटेल, मनोज मिश्र, मुकुल पांडेय, चक्रपाणि ओझा, विभूति नारायण ओझा, अरूण प्रकाश पाठक आदि उपस्थित थे।

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