पतहर

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हाल-ए-अयोध्या

अयोध्या ( फैज़ाबाद ) में होने के अपने दुख हैं । जब कोई परेशान करनेवाली तारीख आती है तो दूर दूर से दोस्तों के फोन आते है । इसमें हमारे हाल जानने की उतनी इच्छा नही होती जितना वे अयोध्या के बारे में तफसीस करते हैं । आज से अयोध्या में शिवसेना और विहिप के भक्तों की जुटान शुरू हो गयी है ।
  टी वी चैनलों और अफवाहों ने अयोध्या की जो भयावह तस्वीर हमारे सामने आती है , वह हमें कम विचलित नही करती । भक्तो के ढोंग और राजनेताओं के अभिनय से जो दृश्य बनता है वह हमें बताता है कि लोगो के भीतर राम के प्रति श्रद्धा का भाव कम राजनीति के निहितार्थ ज्यादा है । जैसे जैसे चुनाव समीप आते है भक्तों की श्रद्धा उमड़ने लगती है ।
  बेचारे राम टेंट में अपने ही नगर में बनवास भोग रहे है और भक्तों की हवेलियों की कई मंजिले आसमान छू रहीं है । राम का यह हाल उनके अपने समय मे नही रहा जो अब बना दिया गया है ।
  हमारे एक पत्रकार मित्र ने यहां तक कह डाला कि यह सम्मेलन ठग्स आफ राम के है । इस रूपक से आप भले ही सहमत न हो लेकिन इस बात में दम तो है ।
   एक भक्तशिरोमणि ने मुझे यह भी सलाह दे  डाली कि दो चार दिन का राशन और सब्जी इत्यादि जमा कर लीजिए तो आप सुखी रहेंगे ।
  न जाने क्या क्या अफवाहें उड़ाई जा रही है और फिजा खराब करनेवाले लोग अपने काम मे लगे है।
   बहरहाल अयोध्या खैरियत से है और हम भी सकुशल है । बहुत दिनों तक यह खेल चलनेवाला नही है । चेहरे बेनकाब हो रहे हैं । लोग इस डाइवर्जन को समझ रहे है ।
(स्वप्निल )

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